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आईये गोरैया और चिड़ियों को बचाएं
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कितना आसान और मन की खुसी देने वाला है ये पुनीत कार्य। बहुत जल्द आपको लगेगा कि ऐसा कार्य मैंने जीवन में पहले क्यों नहीं किया. और है भी ये कितना आसान. बस एक ३ या ४ इंच की मुँह वाली एक छोटी मिट्टी की हांडी लिजीये और बाज़ार से एक इलेक्ट्रिक फिटिंग वाली हैंड ड्रिल खरीद लीजिये (कीमत लगभग २५ -३५ रुपये) एक घर के ही स्क्रूड्राइवर से हांड़ी के पेंदे में एक छोटा सुराख गोल घुमा कर कर लीजिये। जिनके पास इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन हो उनके लिए तो ये एक खेल जैसा है. फिर किसी ऐसे दीवाल पर एक ऎसी किसी ऊचाई पर ( सात या आठ फ़ीट) जहां बिल्ली न पहुँच सके हतौडे या हतोड़ी की मदद से हैंड ड्रिल (सुम्मी) को गोल गुमाते हुआ सुम्मी पर चोट करिये। ( जिनके पास इलेक्ट्रिक ड्रिल है वो तो केवल एक मिनट में ही) कुछ ही देर में लगभग ३ इंच का (गुल्ली के बराबर) एक सुराख हो जाएगा। सुराख में बाजार में मिलने वाली प्लास्टिक की गुल्ली को हथोडी से ठोंक दीजिये फिर हांडी के अंदर ढाई इंच का पेंच पहले एक थोड़ा बड़ा वाशर डाल कर पेंचकस (स्क्रूड्राइवर) की मदद से ऐसे कसना शुरू करिये कि हांडी दीवाल से बिलकुल चिपक जाये। लोहे के वासर और हांडी के बीच एक किसी कपडे की मोटी तह रखना मत भूलियेगा, वरना हांडी टूट सकती है. अगर हांडी का मुह कुछ बड़ा हो तो प्लास्टिक के टेप से थोड़ा ऊपर का भाग ऐसे बंद कर दीजिये की गौरैया आसानी से आ जा सके. इस पुरे कार्य में जिन चीजों की आपको जरूरत पड़ेगी वो ये हैं.
.जरूरत के सामान:
1. मिट्टी की छोटी नयी या पुरानी हांडी
2. एक छोटी हथोडी
3. बिजलीवाली ड्रिल या सुम्मी
4. प्लास्टिक की गुल्ली
5. दो से तीन इंच के पेंच
6. एक इंच के छोटे मुह के वाशर
7. पेंचकस या स्क्रूड्राइवर
8. थोड़ा सा एक या दो इंच मोटा कपड़ा या तह किया हुआ. 9. चिड़ियों के पानी पिने का कोई पुराना या नया बर्तन
10. थोड़ा सा चिड़ियों के खाने वाला दान या चावल आदि.
कुल खर्च:
एक हांडी को लगाने का कर्च मुश्किल से ०५ से १५ रुपये ही आएगा और जो बाकी जो सामान आप लेंगे वो आपके पास हमेशा रहेगा।
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इस कार्य को करके देखिए आपको उस हांडी में घोसला बना देख जितनी खुसी मिलेगी उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. आईये हम सब मिल कर अपनी गौरैया और चीड़ियों को बचाने का अभियान सब मिल कर करें और इस कार्या को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लें.
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इस पूरी प्रक्रिया को मैं बहुत जल्द “डू इट योरसेल्फ” वीडियो को अपने म्यूजिक चैनल “RavindraKK1” पर भी भी रखने जा रहा हूँ. आशा करता हूँ की इस मनोरंजक और पुनीत के कार्य को कर आप सभी उन भूली हुई चिड़ियों से अपना नाता पुनः जोड़ने की कोशिश जरूर करेंगे जो आप और आपके पुरे परिवार को एक नयी तरह के खुशियों से भर देगी.
ये चिड़ीयां अपने साथ ख़ुशी और सौभाग्य भी लाती हैं और छोटे बच्चे तो इस कार्य को देख खुसी से फूले नहीं समायेंगे.
सुभकामनाओं के साथ …
रवीन्द्र के कपूर
कानपूर ११ मई 2015
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